जायफल वृक्ष दो मसालों के लिए काफी मशहूर है , जो है जायफल और जावित्री। इन दोनों का स्वाद और गुण लगभग सामान होता है । जावित्री को अक्सर हल्क़े खाद पदार्थों मे प्रयोग किया जाता है । जावित्री जायफल के उपर का जो छिलका है जो सुगन्धित और दवा मसाला ओषद आदी के काम आता है।

जावित्री (Javitri / Mace Spice) की उत्पत्ति:

जावित्रि मिरिस्टिका वृक्ष का बीज है जो भारत ऑस्ट्रेलिया तथा प्रशांत महा सागर के कुछ द्वीपों में भी उपलब्ध होते है। यह एक सदाबहार वृक्ष है जो मेलुकस द्वीप के वंशज कहा जाता है। जावित्री व्यापर के लिए पूर्वी ईस्ट इंडीज से प्रप्थ होता है । जावित्री वृक्ष दो मसलों केलिए महत्वपूर्ण है जायफल और जावित्री। सामान्य जावित्री का उत्पादन इंडोनेशिया और ग्रानादा में होता है लेकिन श्रीलंका मलेशिया के पेनांग और करीबिया में भी इसका उथपधान होता आ रहा है । यह चीन ताइवान और दक्षिण अमेरिका में भी पाया जाता है।

जावित्री (Javitri / Mace Spice) कहाँ उगाया जाता है :

जावित्री किसी भी जलवायू में अच्छी तरह से अनुकूली करसकते है । सूखी ज्वालामुखी मिटटी प्रचुर मात्रा में वर्षा और लगतार गर्म तापमान ऐसे वातावरण में जावित्री खूब फलता फूलता है । जावित्री आर्द्र स्थितियों के सात उष्णकटिबंदिया जलवायु में वर्ष भर पनपता है। जावित्री का पेड़ आमतौर पर पहाड़ी टलानों पर उगाये जाते है। क्ले लोआम रेतीले दोमट और लाल लेटराइट मिट्टी इसकेलिए उततम माना जाता है। जब तक की अच्छी तरह से सूखा हुआ ज्वालामुखी मिटटी प्रचुर मात्रा में वर्षा और लगातार गर्म तापमान हो ऐसी जगावौं पर जावित्रि फूल जाता है।

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जावित्री के विभीन्न उपयोग :

जावित्री को मसाले ओषधि और सौंदर्य वर्द्धक सामान के नीर्मन में भी इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेदिक औषदि में जावित्री का स्थान सदियों से चला आरहा है। जावित्री के फायदों को पुरी पूर्ण तरीके से अवशोषित करने है तो इसका सही उपयोगकर्ण आवश्यक है। आईये बताते है जावित्री के कुछ प्रमुख उपयोग के बारे में।

१ मिठाई पुडिंग मफिन केक और अन्य कई प्रकार के ब्रेड बनाने के लिए मुख्या समग्रि होती है जावित्री। थोड़ा सा ही सही इस्ला प्रभाव बहुत तेज़ है।
२ मसाला के तौर पर जावित्री ओके चाय या दूध में मिलकर किया जाता है।
३ इस्ला उपयोग खाने का स्वाद बटाने में उपचार और सॉस आदि बनाने में भी किया जाता है।
४ जावित्री को उबले आलू (महक के लिए ) और चावल पकाने में भी उपयोग किया जाता है।
५ खास तौर पर इसका उपयोग आयुर्वेदिक औषदि बनाने में ोे कुछ सौंदर्य वर्धक उत्पादनों में भी किया जाता है।

जावित्री के कुछ आश्चर्यजनक स्वस्थ्य लाभ :

यू तो जावित्री मसाले में तोर पर मशहूर है लेकिन इसके साथ साथ हमारे स्वस्थ्य को भी दुरुस्त रकता है।.इसमें जो एंटीबायोटिक विटामिन प्रोटीन फाइबर और अन्य तरह के पोषक तत्व पाए जाते है, शरीर को स्वस्थ्य दाई गुण प्रदान करते है। इसे अपने डाइट में शामिल करने से बिना दवा के अपने आप को कई बीमारियों से दूर रक् सकते है। किचन में मौजूत जावित्री कैसेकैसे फायदेमंद नोट है….. एक नज़र डालते है।

१ पाचन शक्ति केलिए जावित्री:

अगर पाचन तंत्र को स्वस्थ रकना हो तो जावित्री का उपयोग करे । यह एक उतकृष्ट मसाला है जो स्वस्थ्य लैब प्रदान करके पाचन तंत्र बढ़ाता है। पाचन समस्याएं जैसे कब्ज़ पेट की सूजन अदि से आराम पाने केलिए असरदार इलाज है जावित्री । यह मल-त्याग और दस्त को भी बड़ी असानी से ठीक कर देता है।

२ रक्त परिसंचरण केलिए फायदेमंद:

रक्त परिसंचरण को बढावा की क्षमता रकती है जावित्री। इसी तरह आपकी त्वचा और बालों को स्वस्थ रकने में मददगार साबित हुआ है जावित्री। इसके आलावा अन्य संक्रमण और खतरो से भी शरीर की बचाव करता है जावित्री। रक्त परिसंचरण को ठीक करके मधुमेह और अन्य दिल से सम्बन्धीत बीमारियों की आने की सम्बावना को भीदूर कर देता है।

३ दांतो के स्वस्थ्य में फायदेमंद जावित्री:

माना जाता है की शरीर का स्वस्थ्य अधिकतम दान्त की स्वस्थ्य से जुडी है। इसकेलिए जावित्री का प्रयोग किया जा सकता है । इसके साथ साथ जावित्री मुँह की बदबू मिटाने में भी काम आता है। दाँत के सभी तरह की परेशानियों का हल है जावित्री। मसूड़ों के दर्द दूर करने का प्राकृतिक उपाय भी है जावित्री। आज काली के कई टूथपेस्ट फॉर दांत मंजनो में भी इसका उपयोग होता है।

४ किडनी को स्वस्थ रकता है जावित्री:

गुद्दे यानि किडनी के स्वास्थ्य केलिए भी जावित्री का प्रयोग होता है। यह सदियों चला आरहा है। गुदोके पथरी को दूर करने में भी

जावित्री (Javitri / Mace Spice)बहुत ही फायदेमंद है। संक्रमण और गूदे की अन्य समस्यावो को प्राकृतिक रूप से दूर भगता है जावित्री।

५ मस्तिष्क के स्वस्थ्य केलिए :

मस्तिष्क के गतिविधियों को नियंत्रित करके उसको उत्तेजित करने में जावित्री का गुणवत्ता प्रसिद्ध है। यह तंत्रिका मार्गो को स्वस्थ बनाकर संज्ञानत्मक कार्यो को बढ़ाता है। इसमें जो मिरिस्टिकम और मकेलिग्नोम होता है इसकी क्षमता राकति है। इसी कारण जावित्री मस्तिष्क के लिए फायदेमंद माना गया है।

६ हृदय के स्वस्थ्य केलिए जावित्री का उपयोग:

जावित्री में पोटैशियम की मात्रा बहुत ज़्यादा होने के कारण हृदय के स्वस्थ्य सम्बन्धी समस्यावो का हल होता है जावित्री। माना जाता है कि हर प्रकार की कार्डियोवैस्कुलर समस्यावो का सबसे अच्छा विकलप है जावित्री। जावित्री वासोड़ीलातोर के रूप में काम करके रक्त वहिकावो को आराम दिलाता है । यह रक्त चाप को खाबु में रककर रक्त परिचारण बनाते रकने में मदद करता है। जावित्री के उपयोग से उच्च रक्त चाप की समस्या का हल निकाल सकता है।

७ सर्दी खासी में फायदेमंद:

रसोई में आसानी से पाए जाने वाली जावित्री सर्दी खासी के इलाज में भी बहुत फायदेमंद है। फ्लू और वायरल बीमारियों से भी बचाव करता है जावित्री। इसमें जो एंटी इंफ्लेमेटरी एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है इसी के कारण मस्तिष्क अस्थमा और अन्य श्वास सम्बन्धी समस्यावो क उपचार होता है।

हर तरह से देखा जाये तो जावित्री का स्वस्थ्य लाभ अनगिनत है। कुछ गुणों से हम वाकिफ है कुछ प्रयोगों से अंजान।सुगंध से भरपूर, टेस्ट एनहांसर और आयुर्वेद के पेरासिटामोल जानने वालि जावित्री हर घर की आवश्यकता है। इसीलिए जावित्री को अपने रसोई का भागीदार बनाइये और अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल करके खुद को स्वस्थ रकने का परिश्रम कीजिये ।

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