

क्या है मसाला चाय
दुनिया भर में गरमा गरम चाय के शौक़ीन लोगो की कई नहीं है । ज़्यादातर लोगों के दिन की सुरुवात ही चाय से होती है। पानी जे बाद चाय ऐसा पेय पदार्थ है जो दुनिया में सबसे ज़्यादा पिया जाता है। शुरू में चाय केवल सर्दियों में दवाई कि तरह पी जाती थी। इसे रोज़ा पीने की परंपरा भारत में ही शुरू हुयी। भारत में सर्व प्रथम चाय का बहुतायन प्रचलन ब्रिटिश शासन काल में ब्रिटिशों द्वारा ही हुआ था।


मसाला चाय पाचन शक्ति को बटाकर सभी प्रकार के पाचन विकारो को नष्ट करने में मदद करती है। मसाला थे में जो समग्रि इस्तेमाल होते है वह पाचन सम्बंदित समस्यावों में फायदेमंद होते है । मसाला चाय में जो अदरक है पेट केलिए सुखदायक देता है। लोंग और काली मिर्च अग्न्याशय में पाचन एंजाइमों के स्राव को बड़ाकर पाचन प्रक्रिया को बड़ाने में मदद करते है। दालचीनी दस्त को रोककर पेट को शांत और टंण्डा रकता है। पिप्पली आमाशय रस और पाचन को संतुलित रकने में मदद करती है। इसीलिए भोजन के बाद मसाला चाय का सेवन पाचन बूस्टर के रूप में काम कर सकता है।
मसाला चाय में जो एंटी इंफ्लेमेटरी यानि सूजन को कम करने वाले गुण होते है दवा के रूप में उपयुक्त होते है । विभिन्न अध्ययनों के अनुसार अदरक नो मसाला चाय में होते है हर्बल विकल्प के रूप में एंटी इंफ्लेमेटरी दवा केलिए इस्तेमाल किया जा सकता है । यह ज़्यादातर गट्टिया से जुड़े सूजन के उपचार में प्रयोग किया जाता है । लोन्ग में जो यूजनोल होते है यह भी सूजन से राहत देने में मदद करता है। सूत्रों के अनुसार दालचीनी में भी एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है और यह सब मसाला मिलकर सूजन को कम करने की क्षमता बढ़ाती है ।
मसाला चाय में उपयोग होने वाले मसाले जैसे अदरक काली मिर्च दालचीनी आदि इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद करते है। मसाला चाय में मौजूत अदरक और इलायची प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाकर सामान्य बीमारी जैसे सर्दी खासी को दूर करने में मदद करते है।
माना जाता हैं की मसाला चाय में शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट्स होते है जो मुक्त कानों द्वारा कोशिकावों और ऊतकों की क्षति को रोकने में मदद करते है। मसाला चाय में अदरक इलायची दालचीनी काली मिर्च आदि होते है नो इसके एंटी ऑक्सीडेशन महत्त्व को बटाते है। इसी कारण मसाला चाय कैंसर के उपचार में भी मदद करती है। अदरक कोलोरेक्टल कैंसर के विरुद्ध शरीर की सुरक्षा करता है और टिंबग्रंथि के कैंसर का उपचार करने में मदद करता है । इलायची में भी एंटी ऑक्सीडेशन गुण होते है जो नॉन मेलेनोमा या त्वचा के कैंसर को रोकने में मदद करते है।


मसला चाय में जो दालचीनी है यह भी हृदय का बचाव करने में फायदेमंद मने जाते है।
मसाला चाय मे मौजूत अदरक और दालचीनी हार्मोनल असंतुलन को संतुलित करने में मदद करते है और पि एम् अस से जुडी दर्द और असुविधा को कम करके आराम दिलाते है।
मसाला चाय में जो मसाले उपयुक्त होते है जैसे कि काली मिर्च आदि, रक्त शर्करा या मधुमेह के स्तर को नियमित करने में मदद करते है। मसाला चाय टाइप २ मधुमेह को आने से भी रोकती है ।
सामान्य चाय के स्थ्गन पर मसाला चाय का सेवन करने से वज़न कम कर सकते है। शरीर में जमा अतिरिक्त वज़न को कम करने में मसाला चाय मददगार होता है ।इसके पोषक तत्व भूक को नियंत्रित सकते है।अध्ययनों के अनुसार ३ कप मसाला चाय का सेवन किया जाता तो यह पेट में चर्भी को बटाने से रोक सकता है। इसलिए अपने अच्छे स्वस्थ्य केलिए मसाला चाय को अपने दैनिक आहार में शमिल कर सकते है ।
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.